*शबे बरात के कब और कितने रोज़े रखे?*

*शबे  बरात के  कब  और  कितने  रोज़े  रखे?*

⭕आज का  सवाल न. १००६⭕

शबे  बारात के  कितने  रोज़े  रखने  है  और  कब?
और  इस रात  की  इबादत  कब  और  कौन  से  दिन  करनी  है?

आज  का  जवाब

حامدا و مصلیا و مسلما

शाबान  के  महीने  में  हुज़ूर صل اللہ علیہ وسلم कसरत  से  रोज़े  रखते  थे,  जब  पूछा  गया तो  फ़रमाया,  इस  रात में  वफ़ात  के  फैसले  होते  है,  जब  मेरा  फैसला  हो  तो  में  पसंद करता  हूँ  के उस  वक़्त  में  रोज़े  से  हूँ.
(अल  हदीस)

वैसे हर  महीने  में  १३,१४,१५  के  रोज़े  जिसे  ”अय्यामे  बीज “कहते  सुन्नत  है,  लिहाज़ा चाहो  तो  इस  महीने   में  कसरत से  रोज़े  रखो,  ये  दिन रख  लो या  शबे बारात  के  दूसरे  दिन  एक  रोज़ा  रख  लो.

इंडिया  में  ११  मई जुमेरात  के  दिन  मगरिब  बाद  से  सुबह  सादिक़  तक  पूरी रात या  अक्सर रात  या  जिस क़दर  हिम्मत  हो  इबादत  करनी  है,  और  जुमा  के  दिन  १२  मई  को   एक  रोज़ा  रखना भी  काफी  है,  दो  रोज़े  रखने  का  हुक्म  आशूरह  की  तरह   इस  महीने  में  नहीं  है.
 
मदाइल ए  शबे बरात  व  शबे क़द्र से  माखूज़.

واللہ اعلم

✏मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन हनफ़ी गुफिर लहू

उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा सूरत गुजरात इंडिया

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